स्वागत है आप सभी का ब्लॉगोत्सव-२०१४ के प्रथम दिवस के अज़ब-गजब कार्यक्रम में
मानव के आविष्कारों के इतिहास में बहुत सारे आविष्कार देखने को मिले हैं, जो देखने में उपयोगी नहीं होता, हालांकि इन सभी आविष्कारों पर अधिक श्रम शक्तियों और भौतिक-शक्तियों का खर्च हुआ था, फिर भी इन चीज़ों के कारण हमारे नीरस जीवन के लिये कुछ मज़ाक किये जाने के साथ-साथ अन्य आविष्कारों के रचनात्मक प्रेरणा स्रोत को भी उत्तेजित किया गया था। तो आइये देखते हैं इतिहास में कौन-कौन से हैं अजब-ग़ज़ब आविष्करण है- 
स्टीम ऑटोमोबाइल, यानी पानी के भाप से चलने वाली गाड़ियां सन् 1845 में इटली के लोगों ने इसका आविष्कार किया था, जिसकी गति प्रति घंटे 150 किलोमीटर पर पहुंच सकती थी, लेकिन यह सिर्फ़ डिज़ाइनर का पूर्वानुमान ही था।

बर्फ तोड़ने वाला सेलबोट
17 वीं शताब्दी में तापमान बहुत नीचे होने के कारण मौसम विश्लेषक इस युग को "छोटा आइस एज़" मानते थे। सन् 1600 के 17 जनवरी को लोगों के सामने आया यह बर्फ तोड़ने वाला सेलबोट बर्फ से ढंके पानीवाले क्षेत्र में माल की आवाजाही की समस्याओं का समाधान कर सकता था।
कच्छ भूमि में इस्तेमाल किया जाने वाली पवन चक्की
बहुत कम वज़न के कारण कच्छ भूमि में इस्तेमाल की जाने वाली इस विंडमिल को कच्छ क्षेत्र में पानी निकालने में भी उपयोग किया जा सकता था। जिसका डिज़ाइन सन् 1958 में तैयार किया गया था, लेकिन इसका निमार्ण कभी पूरा नहीं किया जा सका।
सन् 1936 में आविष्कारों ने स्केटिंग शूज़ के लिये अस्थायी एड़ी बनाई थी, जिससे स्केटिंग करते समय लोग आसानी से एक्शन करने के साथ-साथ संतुलन भी बनाए रख सकते थे। लेकिन यह अस्थायी एड़ी सन् 1996 में जाकर लोगों में प्रचलित हुई, जिससे स्केटिंग में एक क्रांति आई है।
सन् 1932 में अमेरिकी यातायात पुलिस में इस विद्युत जैकेट को बनाया गया, जिससे लोग सर्दी से अपना बचाव कर सकते थे। लेकिन इसकी कमी यह थी कि उसकी गर्मी ज़ल्द ही विकिरण हो गई, इसलिये इसे बार बार बिजली से चार्ज करना पड़ता था।
सन् 1929 का प्रोजेक्टर रूम, जिसमें आप अकेले, डबल और तीन प्रोजेक्टरों पर चलने वाली फिल्म देख सकते थे।
सन् 1924,पेरिस में, आप सड़क पर चलती हुई इस तरह की गाड़ी को अचानक देख सकते थे, जिसके सामने वाले भाग में रक्षात्मक बेलचा लगाया गया। इस डिज़ाइन का लक्ष्य पैदल यात्रियों की हताहती को कम करना था।
शायद यह सबसे पुराना जीपीएस यंत्र है, वह लोगों या गाड़ियों की गति से कागज़ी नक्शे को मोड़कर आपका गन्तव्य स्थान बता सकता था। सन् 1912 में लोगों के सामने आए इस जीपीएस यंत्र में उपयोग नक्शा, शायद बाहर जाने से पहले क्या आप को इस नक्शे को पूरी तरह से तैयार करना चाहिये ?
सन् 1926 का नीदरलैंड, जब आप ठेला-गाड़ी से अपना सामान ले जाते थे, रास्ते में एक खाई सामने आ जाए, तो आप इस ठेला-गाड़ी में रख गये तह करने वाले पुल को निराकरण से एक सरल और आसान पुल बना सकते थे। जिससे आप खाई को पार कर सकते थे।
सन् 1938, न्यूयॉर्क रेडियो स्टेशन ने विश्व का पहला बेतार अख़बार जारी किया। अख़बार के सभी विषयों को फैक्स किया जाता था फिर उसके प्रिंट आउट लिये जाते थे।
वास्तव में बंदूक कैमरे का सन् 1938 में ही आविष्कार कर लिया गया था, लेकिन आयतन की परिसीमा के कारण कैमरे में ऐसी फिल्म का इस्तेमाल किया जाता था, जिससे खिंचवाई गई फोटो की गुणवत्ता इतनी अच्छी नहीं थी।

क्यों है न अज़ाब-गजब अविस्कार ? 
आज बस इतना ही, आगे के कार्यक्रमों के लिए 
चलिये चलते हैं, परिकल्पना पर.....


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