आज से हम शुरू कर रहे हैं अनमोल शब्दों की प्रासंगिकता सहित प्रस्तुति । हिंदू धर्म का अन्तिम संस्कार है अंत्येष्टि , जबकि हिन्दी शब्दकोष में यह पहले आता है इसलिए हम अंत्येष्टि से शब्दों की इस श्रंखला की शुरुआत कर रहे हैं । कहा भी गया है की जीवन की बात मृत्यु से शुरू की जानी चाहिए , जहाँ समाप्ति की नियति है वहाँ हर कर्म क्षणिक और अपने लिए गढा गया हर अभिप्राय भ्रम होता है ।
अंत्येष्टि- हिंदू धर्म में अन्तिम संस्कार, जिसमें जाति व् धार्मिक मत के अनुसार भिन्नता होते हुए भी सामान्यत:शवदाह के बाद अस्थि-भस्म को पवित्र नदी में प्रवाहित किया जाता है । अंत्येष्टि अनुष्ठान विभिन्न संस्कारों के क्रम में अन्तिम है । आदर्श रूप से संस्कार गर्भधारण के क्षण से हीं शुरू हो जाते हैं और व्यक्ति के जीवन में प्रत्येक महत्वपूर्ण चरण पर संपन्न किए जाते हैं ।
मृत्यु के उपरांत शव को शमशान घाट ले जाया जाता है जो आमतौर पर नदी तट पर स्थित होता है । मृतक का सबसे बड़ा पुत्र और अनुष्ठानिक पुरोहित दह संस्कार करते हैं । इसके बाद ब्राहमणों में १० दिन तक ( क्षत्रियों में १२, वैश्यों में १५ और शूद्रों में ३० दिन ) परिवार के सदस्यों को अपवित्र समझा जाता है और उन पर कुछ वर्जनाएं लागू रहती है । इस अवधि में वे अनुष्ठान करते हैं , ताकि आत्मा अगले जीवन में प्रवेश कर ले । इन अनुष्ठानों में दूध और जल तथा अधपके चावल पिंडों का अर्पण शामिल है । निश्चित तिथि को शमशान से एकत्रित अस्थि अवशेष या तो दफन कर दिया जाता है या फ़िर नदी में प्रवाहित कर दिया जाता है । मृतकों के सम्मान में निश्चित तिथियों पर संवंधियों द्वारा श्राद्ध किए जाते हैं । यही है अंत्येष्टि का सच ...!

1 comments:

  1. सचमुच यही सत्य है ......और शुरुआत अंतिम सत्य से करने के लिए धन्यवाद ! इस सार्थक प्रस्तुति से यह महसूस हो रहा है की आने वाले दिनों में आप महत्वपूर्ण शब्दों की व्यापक श्रंखला लेन में सफल होंगे ...मेरी शुभकामनाएं !

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